भाजपा की बापोती नही भगवान राम -उमा भारती

भाजपा की बापोती नही भगवान राम -उमा भारती

एक एसा बयान जिसने राजनीति के बाहर ही नहीं BJP के अन्दर भी भुचाल ला दिया है,उमा भारती का यह ब्यान उस समय आया है जब राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिये देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ कइ दिग्गज भी आ रहे हैं, राम सबके है फ़िर उमा भारती ने यह सवाल क्यु कर दिया कि BJP की बापोती नही है राम… अगर आज से करीब करीव 500 बर्ष पुर्व जाये तो राम पुरे देश की आस्था के केन्द्र रहे होगे, लेकिन फ़िर आज सिर्फ़ BJP के राम कैसे होकर रह गये हैं,

कल्याण सिंह नही जा रहे हैं अयोध्या !उमा भारती के साथ -साथ कल्याण सिंह जो इस पुरे आस्था के केन्द्र बनाये गये थे व उन्ही के मुख्यमंत्री काल मे BJP ने यह घिनोना खेल कल्याण सिंह के कन्धो पर रख कर खेला था, आज इस बयान से सिद्ध होता है कि OBC का यह घटक BJP के उस चाल चरित्र से बेहद नाराज है जिसमे सिर्फ़ कुछ चन्द लोगो को ट्रस्ट मे रख कर BJP व RSS फ़स चुकी हैं ओर यही एक कारण है कि आज उमा भारती के मुखारबिन्दु से यह ब्यान बहुत पीडा से निकल रहा है, *आखिर भीख मे क्यो दिया गया न्योता *राजनिति के गलियारो मे जाकर देखा जाये तो जिस मन्दिर के लिये उमा भारती हो या कल्याण सिंह सभी ने बडी कुर्बानिया दी थी,परंतु जब खुशी मनाने की बात सामने आई तो कुछ RSS के लोगो के मन्थन के बाद OBC के इन नेताओ को राम मंदिर नीब के लिये भी उचित नही समझा था, लेकिन सोशल मीडिया पर OBC के हो हल्ला होने के बाद मजबुरी मे कल्याण सिंह व उमा भारती को ञोता भेजा गया था, परंतु आज उमा भारती के ब्यान आने के बाद की स्थिति मे साफ़-साफ़ नजर आ रहा है कि देश खतरे मे है कि राजनिति शायद अब नही चलेगी ..

क्यों भागे थे आड्बानी के रथ से फ़िर अब ईट रखने की हिम्मत कैसे आई पी एस राजपूत एटा1991के उस दौर की बात है जब राम मंदिर के लिये आडबानी का रथ बिहार मे कुच कर रहा था ओर बिहार के मुख्यमंत्री लालु यादव ने गिरफ़्तारी के आदेश दिये थे,ओर यह सहाब रथ से भाग गये थे,शायद उसी का बदला तो नही लालु की जेल….!

क्या उमा भारती ने राम मंदिर के ट्रस्ट मे आरक्षण की बात भी कही हैजैसा कि सभी जानते है कि राम मंदिर ट्रस्ट मे वही लोग है जो इस मन्दिर के दौर मे दुर-दुर तक नही थे,लेकिन RSS के कदमो ने सभी कुर्वानियो को किनारे करते हुये कुछ चन्द लोगो को ट्रस्ट मे आसीन कर दिया है,जिससे खफ़ा भी है BJP की नेता उमा भारती.

सुत्रो का कहना है कि कल्याण सिंह को ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने आने को मना किया क्युक्युकि चम्पत राय यह बखुबी जानते है कि जिन कल्याण सिंह को सवसे पहले ञोता मिलना चाहिए था उन्हे सबसे आखिर मे क्यु ञोता भेजा गया,तथा दुसरा कारण यह भी कहा जा रहा है कि मोदी के साथ सिर्फ़ पाच लोग ही मंच साझा करेगे, उन पाच व्यक्तियों मे कल्याण सिंह नही है,एसे मे यह निर्णय कितना सही ओर कितना गलत है, आने वाला पाच तारीख बतायेगा???

क्या 2022 का रुख बदलने वाला हैराजनीति के पंडितो का कहना है कि बो चाहे कल्याण सिंह हो या उमा भारती यह दो नेता MP व UP की जब चाहे सरकारे गिराने मे सक्षम है ओर यह करके भी दिखा चुके हैं,अगर समय रहते खेल मे बदलाओ नही किया गया तो यह दोनो नेता खेल का मैदान ही बदल सकते हैं

!उमा भारती के साथ -साथ कल्याण सिंह जो इस पुरे आस्था के केन्द्र बनाये गये थे व उन्ही के मुख्यमंत्री काल मे BJP ने यह घिनोना खेल कल्याण सिंह के कन्धो पर रख कर खेला था, आज इस बयान से सिद्ध होता है कि OBC का यह घटक BJP के उस चाल चरित्र से बेहद नाराज है जिसमे सिर्फ़ कुछ चन्द लोगो को ट्रस्ट मे रख कर BJP व RSS फ़स चुकी हैं ओर यही एक कारण है कि आज उमा भारती के मुखारबिन्दु से यह ब्यान बहुत पीडा से निकल रहा है, *आखिर भीख मे क्यो दिया गया न्योता *राजनिति के गलियारो मे जाकर देखा जाये तो जिस मन्दिर के लिये उमा भारती हो या कल्याण सिंह सभी ने बडी कुर्बानिया दी थी,परंतु जब खुशी मनाने की बात सामने आई तो कुछ RSS के लोगो के मन्थन के बाद OBC के इन नेताओ को राम मंदिर नीब के लिये भी उचित नही समझा था, लेकिन सोशल मीडिया पर OBC के हो हल्ला होने के बाद मजबुरी मे कल्याण सिंह व उमा भारती को ञोता भेजा गया था, परंतु आज उमा भारती के ब्यान आने के बाद की स्थिति मे साफ़-साफ़ नजर आ रहा है कि देश खतरे मे है कि राजनिति शायद अब नही चलेगी .. क्यों भागे थे आड्बानी के रथ से फ़िर अब ईट रखने की हिम्मत कैसे आई पी एस राजपूत एटा1991के उस दौर की बात है जब राम मंदिर के लिये आडबानी का रथ बिहार मे कुच कर रहा था ओर बिहार के मुख्यमंत्री लालु यादव ने गिरफ़्तारी के आदेश दिये थे,ओर यह सहाब रथ से भाग गये थे,शायद उसी का बदला तो नही लालु की जेल….!

क्या उमा भारती ने राम मंदिर के ट्रस्ट मे आरक्षण की बात भी कही हैजैसा कि सभी जानते है कि राम मंदिर ट्रस्ट मे वही लोग है जो इस मन्दिर के दौर मे दुर-दुर तक नही थे,लेकिन RSS के कदमो ने सभी कुर्वानियो को किनारे करते हुये कुछ चन्द लोगो को ट्रस्ट मे आसीन कर दिया है,जिससे खफ़ा भी है BJP की नेता उमा भारती.

सुत्रो का कहना है कि कल्याण सिंह को ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने आने को मना किया क्युक्युकि चम्पत राय यह बखुबी जानते है कि जिन कल्याण सिंह को सवसे पहले ञोता मिलना चाहिए था उन्हे सबसे आखिर मे क्यु ञोता भेजा गया,तथा दुसरा कारण यह भी कहा जा रहा है कि मोदी के साथ सिर्फ़ पाच लोग ही मंच साझा करेगे, उन पाच व्यक्तियों मे कल्याण सिंह नही है,एसे मे यह निर्णय कितना सही ओर कितना गलत है, आने वाला पाच तारीख बतायेगा???

क्या 2022 का रुख बदलने वाला हैराजनीति के पंडितो का कहना है कि बो चाहे कल्याण सिंह हो या उमा भारती यह दो नेता MP व UP की जब चाहे सरकारे गिराने मे सक्षम है ओर यह करके भी दिखा चुके हैं,अगर समय रहते खेल मे बदलाओ नही किया गया तो यह दोनो नेता खेल का मैदान ही बदल सकते हैं


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