उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त बी० एन० सिंह ने सड़क सुरक्षा को लेकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है. उन्होंने हेलमेट और सीट बेल्ट के बिना किसी को प्रवेश न देने का नियम लागू करने की बात कही. इस पर विश्वविद्यालयों ने भी स्टेप लेना शुरू कर दिया है. सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों में बिना हेलमेट व बिना सीट बेल्ट लगाये आने वालों को अनुपस्थित करने के आदेश को गोरखपुर विश्वविद्यालय में लागू कर दिया गया है.
गोरखपुर विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर की ओर से सभी छात्रों, संकाय और कर्मचारियों पर नियम लागू कर दिया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय को भी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तरफ से पत्र भेजा गया है.
सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौत: परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने बताया कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े उपाय किए जाने होंगे. सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें युवाओं की हो रहीं हैं. इसमें 18 से 35 साल तक के लोग सबसे ज्यादा शिकार होते हैं. विश्वविद्यालयों में इस आयुवर्ग के सबसे ज्यादा छात्र होते हैं. ऐसे में इन्हें सावधान कर दिया जाए, तो दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
कुलपतियों से अपील करते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कहा है कि कैंपस परिसर में बिना हेलमेट और बिना सीटबेल्ट आने वालों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दें. गोरखपुर विश्वविद्यालय ने ऐसा किया है. इस नियम को सभी लोग लागू करें तो एक बड़ा बदलाव आ सकता है. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि बाइक पर पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य करें. सुरक्षाकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दें कि सख्ती से इसको लागू कराएं.
बिना हेलमेट, सीट बेल्ट के पार्किंग में नहीं मिलेगी एंट्री : हेलमेट और सीट बेल्ट के बिना अब पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने नहीं दी जाएगी. दोपहिया वाहन पर हेलमेट लगा होगा तभी पार्किंग में एंट्री मिलेगी और चार पहिया वाहन पर जब सीट बेल्ट लगाए होंगे, तो ही पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर पाएंगे. सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालयों के लिए यह नियम सख्ती से लागू कराने की परिवहन आयुक्त ने बात कही है.