आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाने वाला लड्डू, इन दिनों राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है. गुजरात की एक प्रयोगशाला ने लड्डू को बनाने में घी के साथ पशु की चर्बी और फिश ऑयल का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया है. इसके बाद मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार पर श्रद्धालुओं की भावना को आहत करने का ‘महापाप’ का आरोप लगाया है. वहीं वाईएसआरसीपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि सीएम राजनीतिक लाभ लेने के लिए ‘घृणित आरोप’ लगा रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला है क्या और अब तक क्या-क्या हुआ है?
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने लैब रिपोर्ट के हवाले से जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार पर सनसनी खेज आरोप लगाए हैं. टीडीपी के दावे के मुताबिक वाईएसआरसी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुमाला मंदिर ट्रस्ट को प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू प्रसादम बनाने के लिए जिस घी की आपूर्ति की गई थी, उसके सैंपल का लैब टेस्ट कराने पर उसमें जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल की मिलावट का पता चला है. सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने दावा किया है कि गुजरात स्थित एक लैब ने मिलावट की पुष्टि की है.
टीडीपी ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए हैं। वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने पूरे विवाद पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की है। हाईकोर्ट में इस पर 25 सितंबर को सुनवाई होगी।
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