ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार अवैध कब्जों पर ऊपर हार कर रहा है कब्ज़े कैसे हटाया जाए पुलिस और प्राधिकरण के सामने एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में प्राधिकरण की लापरवाही का खामियाजा पुलिस को भी भुगतना पड़ रहा है। ऐसा लगने लगा है कि खलनायक पुलिस है मगर हकीकत में खलनायक की भूमिका में प्राधिकरण है।
प्राधिकरण पहले तो आसानी से कब्जा होने देता है। उसके बाद जब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होती है। तब पुलिस को ही लोग बुरा भला बोलते है। आज ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अंतर्गत इटेड़ा गांव में कब्जा हटाने के लिए प्राधिकरण के साथ बिसरख थाने से पुलिस फोर्स गया था। इस दौरान जब अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलना था। तभी प्राधिकरण और कब्जाधारी पक्ष में विवाद हो गया। दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हुई।
पुलिस बीच बचाव कर रही थी। इसी दौरान किसान नेता का सिर भी फूट गया। आरोप पुलिस पर लगने लगा लेकिन यहाँ ये बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि ये कब्जा किसने किया और क्या प्राधिकरण गैरकानूनी तरीके से कब्जा हटा रहा था या फिर कब्जाधारी अपनी मनमानी कर प्राधिकरण को रोकना चाहते हैं?
