ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश रेरा ने आज गौतम बुद्ध नगर में सक्रिय घर खरीददारों के संगठन नेफोमा, नेफोवा तथा प्रमोटर्स के संघ क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के साथ एक बैठक आयोजित की। यूपी रेरा सचिव प्रमोद कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता में कॉंसिलिएटर आरडी पालीवाल व दोनों संघ के पदाधिकारी के साथ बैठक में कैंसिलेशन फोरम के माध्यम से घर खरीददारों, आवंटियों तथा उनके प्रमोटर्स के मध्य विवाद का कम से कम समय में समाधान निकालने के विषय पर चर्चा की गई। घर खरीदारों के संगठन के तरफ से पदाधिकारी दीपांकर कुमार, अन्नू खान सहित अन्य सदस्यों तथा क्रेडाई वेस्टर्न यूपी की तरफ से सचिव दिनेश गुप्ता, सदस्य बीके गुप्ता व संजय रस्तोगी सहित अन्य सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक का समापन रेरा सचिव से प्राप्त सुझावों के साथ हुआ जिसमें सभी पक्ष के सदस्यों ने कॉन्सिलिएशन फोरम की बैठकों को प्रभावी बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर एक मत दिखे।
यूपी रेरा के तरफ से कॉंसिलिएटर आरडी पालीवाल ने सर्वप्रथम घर खरीददारों के संगठन को अपनी बात रखने को आमंत्रित किया। घर खरीदारों के संगठन के पदाधिकारी ने कॉंसिलिएशन फोरम के मध्यता के सराहना की और 90% मामलों में आपसी सहमति से होने वाले विवादों के समाधान को उपयोगी बताया। इसके अलावा घर खरीददारों के संघ ने रेरा के आदेशों की अवहेलना करने वाले प्रमोटर्स की पहचान कर क्रेडाई के माध्यम से आदेश का अनुपालन कराने, रियल स्टेट को एनसीएलटी से अलग रखने, कॉन्सिलिएशन की सुनवाई की तिथि शीघ्र निर्धारित करने, दोषी प्रमोटर्स का बहिष्कार करने और जाली प्रमोटर्स के नाम पर रियल स्टेट सेक्टर का नाम खराब करने वाले प्रमोटर्स को चिन्हित करने जैसे सलाह प्रस्तुत किया। जिससे भावी घर खरीदारों को अच्छे निवेश का माहौल मिले और विवाद की स्थिति में भी शीघ्रता से समाधान प्राप्त हो सके।
इसके बाद क्रेडाई के पदाधिकारी ने उत्तर प्रदेश रेरा और घर खरीदारों के संघ के प्रयासों की सराहना की और कॉंसिलिएशन फोरम को मजबूती देने के लिए अपने सुझाव रखे जिसमें रियल स्टेट के असल घर खरीददार और निवेशको का वर्गीकरण करने, निवेशको और एजेंटो द्वारा विवादों को न सुलझाने तथा नए विवाद उत्पन्न करने, शिकायतों के शीघ्र निष्पादन करने की प्रक्रिया अपनाने को कहा एवं आवश्यकता अनुसार सहयोग देने का प्रस्ताव दिया।
दोनों पक्षों के सुझाव के उपरांत यूपी रेरा सचिव प्रमोद कुमार उपाध्याय ने पोर्टल से प्राप्त आंकड़ों सहित अपना सुझाव प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम उन्होंने क्रेडाई को 4772 मामलों में प्रमोटर की तरफ से सहयोग प्राप्त न होने से कॉंसिलिएशन फोरम के प्रयासों में आ रही रुकावट से अवगत कराया और क्रेडाई के माध्यम से इन प्रमोटर्स को अभिलंब सहयोग देने को कहा जिससे विवादों का समाधान प्रारंभ हो सके। इसके अलावा उन्होंने रेरा अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप प्रमोटर्स को शिकायत दर्ज करने, अपने आवंटियों से नियमित रूप से मिलने, प्रशिक्षित कार्मिक द्वारा आवंटियों से पत्राचार व जानकारी उपलब्ध कराने, प्रारंभिक स्तर की शिकायतों को बिना मध्यस्थता के सुलझाने, सरल और हिंदी भाषा में पत्राचार करने सहित कई अन्य सलाह दिए।
रेरा द्वारा उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें निर्माण की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने हेतु क्यूपीआर के विषय में आयोजित की जाने वाली वर्कशॉप से भी अवगत कराया गया। इसके लिए प्राधिकरण ने क्रेडाई को महत्वपूर्ण पहल लेने को कहा जिसमें एक योग्य व्यक्ति की नियुक्ति करके उस रेरा द्वारा प्रशिक्षित किया जाए और आगे यह सिलसिला क्रेडाई द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक निभाया जाए जिससे प्रमोट इसका पालन करें।
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