नए भूमि अधिग्रहण कानून से पहले प्रभावित क्षेत्र का सत्यापन करना बेहद जरूरी’ विधायक धीरेन्द्र सिंह

नए भूमि अधिग्रहण कानून से पहले प्रभावित क्षेत्र का सत्यापन करना बेहद जरूरी’ विधायक धीरेन्द्र सिंह

प्राधिकरणों को विकास की परियोजनाओं को आगे बढाने के साथ-साथ किसानों के हितों के रक्षक के तौर पर भी नजीर पेश करनी चाहिए’ नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 11 का प्रकाशन करने से पहले प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय सत्यापन करना बेहद जरूरी’’

जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि ’’सन् 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 4 में की गयी विसंगतियां आज जनपद के किसानों की बैकलीज और आबादी जैसी समस्याओं की जननी हैं। अगर पुराने कानून की धारा 04 करने से पूर्व अधिग्रहण किए जाने वाले ग्रामों की आबादियों का सत्यापन कर लिया गया होता, तो आज कई वर्षों से चल रही किसानों की बैकलीज और आबादी की समस्याएं उत्पन्न ही नही होती।’

कहीं यह गलती नए भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 11 की अधिसूचना लागू में न हो जाए, इसी को देखते हुए, आज दिनांक 22 मई 2024 को जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने प्रमुख सचिव औद्योगिक एंव अवस्थापना मनोज कुमार सिंह, तीनों प्राधिकरणों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और जिलाधिकारी-गौतमबुद्धनगर से वार्ता कर, पत्र के माध्यम से जनपद के किसानों के हितों को संरक्षित और सुरक्षित रखे जाने की अपेक्षा की है।

जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने आगे बताया कि ’’आज जनपद के किसानों ने अपनी जमीन, इस देश और प्रदेश के विकास के लिए दी हैं, जिसके फलस्वरूप जनपद गौमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी बन सका।“ साथ ही किसान आंदोलनों की धरा गौतमबुद्धनगर के ही किसानों ने, प्रदेश और देश के विकास के लिए नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त किया। इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम सभी को किसानों के अधिकार, उनके जीवन यापन और संविधान तथा नए भूमि अधिग्रहण कानून में वर्णित उनके अधिकारों को दिलाने के लिए भी पारदर्शी होना चाहिए।

वार्ता के बाद जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर ने आश्वस्त किया है कि ’’स्थलीय सत्यापन के बाद ही धारा 11 की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।’’

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