प्रकृति के सानिध्य में पर्यावरणसंरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए शत प्रतिशत , प्राकृतिक संसाधनों (फूल,पत्र,अक्षत,रोली, हल्दी ,सूजी,आटा,आदि आदि ) का प्रयोग करते हुए बच्चों ने अपनी कल्पना से अपने हाथों से बनाई अद्भुत, कलात्मक रंगोली।
बच्चों का उत्साह,कला देखते बनती थी। बच्चे चावल अलग अलग रंगों से रंग कर लाए थे। बच्चों ने मोर, चिड़िया,फूल, पक्षियों, No crackers आदि का संदेश देते हुए मनमोहक आकृतियां उकेरी।
प्रकृति से जो भी हमें मिला वहीं हम प्रकृति को अर्पित कर देते हैं, रंगोली में प्रयुक्त सभी वस्तुएं धरती,जीव, कीटाणुओं का भोजन बन जायेंगी, अंत में बच्चों के साथ कुछ अल्पाहार घर की बनी स्वादिष्ट खीर, और गरमागरम समोसों का आनंद लिया गया।






बहुत ही सराहनीय, अप्रतिम
आधुनिक समय में जब हर कोई केमिकल कलर्स का प्रयोग कर धरती,जल को प्रदूषित कर रहा है, बच्चों को प्रकृति संरक्षण की दिशा में ले जाना प्रारंभ से ही एक मजबूत नींव स्थापित करना हैं।