ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके के थोरा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां रैबीज से एक 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई. महिला ने एक पागल कुत्ते द्वारा काटी गई गाय का दूध पिया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. बताया जा रहा है कि जांच में गाय में रेबीज की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों ने तो रेबीज का टीका लगवा लिया, लेकिन मृतका सीमा ने टीका नहीं लगवाया था. जानकारी के मुताबिक मृतका 40 वर्षीय सीमा परिवार के साथ थोरा गांव में रहती थी. पड़ोस में एक गाय ने बछड़ा दिया था. गाय को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था. सीमा ने गाय के दूध का सेवन किया था, कुछ दिन बाद गाय में रेबीज का लक्षण दिखने लगा था. जिसके बाद जांच में रेबीज की पुष्टि हुई थी.
ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र के थोरा गांव में एक दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 40 वर्षीय महिला की रेबीज संक्रमण के कारण मौत हो गई। यह संक्रमण सीधे किसी जानवर के काटने से नहीं, बल्कि संक्रमित गाय का कच्चा दूध पीने से हुआ। यह मामला रेबीज संक्रमण के एक असामान्य तरीके को दर्शाता है, जिससे लोगों को और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बरतने की आवश्यकता है।
जानकारी के अनुसार के अनुसार, कुछ महीने पहले गांव में एक पालतू गाय को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिससे गाय में रेबीज का संक्रमण हो गया था। गाय की सेहत खराब होने के बावजूद, गाय ने लगभग दो महीने पहले एक बछिया को जन्म दिया। गाय के पहले दूध (खीस) को गांव में पारंपरिक रूप से आस-पड़ोस में बांट दिया गया था। जब गाय की हालत और बिगड़ने लगी, तो पशु चिकित्सक द्वारा जांच की गई और रेबीज का संक्रमण होने की पुष्टि हुई। इसके बाद चिकित्सक ने सलाह दी कि गाय का दूध पीने वाले सभी लोगों को तुरंत रेबीज का टीका लगवाना चाहिए।
गाय की मालकिन और उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने जल्दी ही टीका लगवाया, लेकिन दुर्भाग्यवश, पड़ोस में रहने वाली 40 वर्षीय महिला, सीमा, ने टीका नहीं लगवाया। कुछ दिन बाद, सीमा की तबियत खराब होने लगी और उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में जांच के बाद, सीमा में रेबीज संक्रमण की पुष्टि हुई। हालांकि, डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन इलाज के बावजूद सीमा की जान नहीं बचाई जा सकी और उसकी मृत्यु हो गई।
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि रेबीज संक्रमण केवल कुत्ते के काटने से ही नहीं फैल सकता, बल्कि यह संक्रमित जानवरों के दूध से भी हो सकता है, जो एक अनजानी और खतरनाक स्थिति है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी जानवर को रेबीज का संक्रमण होता है, तो उसके दूध का सेवन करने से भी संक्रमण हो सकता है, और इस प्रकार के मामलों में टीकाकरण बेहद महत्वपूर्ण है। टीकाकरण बेहद महत्वपूर्ण है।