उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक से नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के नागरिकों के लिए एक खुश खबरी आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक ने बिल्डर -बायर्स विवाद पर अमिताभ कांत की रिपोर्ट को स्वीकृत कर लिया है। कैबिनेट के इस फैसले से नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के कम से कम ढाई लाख फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री होने का रास्ता खुल गया है।
आपको बता दें कि नोएडा- ग्रेटर नोएडा और एनसीआर के लाखों लोगों के लिए मंगलवार को खुशी की खबर आई है। यूपी सरकार ने नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ कांत की रिपोर्ट पर मुहर लगा दी।
इसके तहत रियल एस्टेट के रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट्स के डेवलपर को दो साल का जीरो पीरियड दिया गया है। इस जीरो पीरियड का ब्याज डेवलपर को नहीं देना होगा। ऐसे में बकाया जमा न करने वाले डेवलपर्स के प्रोजेक्ट में रहने वाले लाखों लोगों के फ्लैटों की रजिस्ट्री हो सकेगी। सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ घर खरीददारों को राहत मिली है बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी एक पॉजिटिव संदेश दिया गया है। जानकारों की मानें तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी सीधा लाभ होगा।
यहां यह बताना जरूरी है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा तथा यमुना प्राधिकरणों ने यह नियम बना रखा है कि जब तक बिल्डर नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तथा यमुना प्राधिकरणों के बकाए का भुगतान नहीं करते तब तक उनके प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री नहीं की जा सकती है। जब तक बिल्डर के नाम रजिस्ट्री नहीं होती तब तक वह खरीददार को रजिस्ट्री नहीं कर सकता। मंगलवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में फैसले के बाद इस समस्या के समाधान की उम्मीद है। कैबिनेट के फैसले का नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के नागरिकों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया है
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