मशहूर गजल गायक पंकज उधास लंबी बीमारी के कारण आज इस दुनिया को अलविदा कह दिए हैं। गजल की दुनिया का एक बड़ा नाम रहे पंकज के जाने से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर गानें दिए। नाम फिल्म की गजल, चिट्ठी आई है आज भी लोगों की जुबान पर सुनने को मिल जाती है।
ना कजरे की धार’, ‘चिट्ठी आई है…’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ जैसे न जाने कितने गानों को अपनी आवाज देने वाले सिंगर और पद्मश्री (Padmashree) से सम्मानित पंकज उधास का निधन हो गया है। उनकी उम्र 72 साल थी। मनोरंजन जगत से लगातार बुरी खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में इस इंडस्ट्री ने कई नायाब चेहरों को खोया है। और अब गजलों को फिल्मों में पॉप्युलर बनाने के लिए जाने जाने वाले पंकज उधास का जाना एक बड़ी छति है। उनका यूं दुनिया को अचानक छोड़कर जाना, हर किसी के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। फैन्स और चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
पंकाज उधास की बेटी नयाब उधास ने लिखा, ‘भारी दिल के साथ आप सभी को ये दुखद समाद देना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास अब नहीं रहे। उन्होंने 26 फरवरी, 2024 को अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
एक नेशनल चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक पंकज उधास के पीआर ने बताया है कि सिंगर का निधन 26 फरवरी की सुबह 11 बजे के करीब हुआ है। वह मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली। लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे। साल 1980 में गजल एल्बम ‘आहट’ से पंकज उधास चर्चा में आए थे। उन्हें हिंदी सिनेमा और भारतीय पॉप म्यूजिक में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। इन्हें 2006 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।
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