दिल्ली NCR में 20 हजार लोग हो जाएंगे बेघर, 10 साल से बसती रही कालोनी तब जेबें भरते रहे अधिकारी ।

दिल्ली NCR में 20 हजार लोग हो जाएंगे बेघर, 10 साल से बसती रही कालोनी तब जेबें भरते रहे अधिकारी ।

दिल्ली एनसीआर फरीदाबाद बॉर्डर के पास बसीं अवैध कॉलोनियों में बने करीब 5 हजार मकानों को तोड़े जाने की खबर से इनमें रहने वाले 20 हजार से अधिक लोगों की भूख-प्यास और नींद उड़ गई है।।

फरीदाबाद नगर निगम ने यमुना की तलहटी में बसीं बसंतपुर, अटल चौक, नूर चौक, शिव एंक्लेव पार्ट-दो, तीन, अजय नगर आदि कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली है। इनमें रहने वाले लोगों को नोटिस के जरिए अपने मकान खाली करने के लिए सिर्फ पांच दिन की मोहलत दी गई है।

दिल्ली सीमा पर एक दशक से चल रहा सरकारी जमीन बेचने का खेल

जानकारी के अनुसार, दिल्ली बॉर्डर से सटे फरीदाबाद में भू-माफिया का एक दशक से अधिक समय से सरकारी जमीन बेचने का खेल जारी है। भू-माफिया दूसरे प्रदेशों व शहरों के लोगों को सस्ती जमीन और अपने घर का झांसा देकर पांच अवैध कॉलोनियां बसा दीं। ये भू-माफिया बसंतपुर, यमुना किनारे, इस्माइलपुर, अटल चौक, अजय नगर, शिव एंक्लेव, रोशन नगर, सेहतपुर, सूर्या कॉलोनी आदि क्षेत्रों में जमकर सरकारी जमीन बेच रहे हैं। इससे सरकार का राजस्व नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही जमीन खरीदने वालों को बाद में जमीन और उस पर बनाए घर दोनों से हाथ धोना पड़ रहा है। इससे उनकी परेशानी बढ़ रही है। हालांकि किस सरकारी विभाग की कितनी जमीन पर कब्जा करके अवैध निर्माण किया गया है, इस बारे में अधिकारी अभी रिकॉर्ड तैयार कर रहे हैं।

पांच से ज्यादा कॉलोनी बसा दी : बसंतपुर में यमुना किनारे ऐसे ही कई कॉलोनियां भू-माफियाओं ने बसा दी। क्षेत्र में दर्जनों प्रॉपर्टी डीलरों के ऑफिस हैं। वहां सस्ती जमीन, अपना घर आदि के बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगे हैं। आसान किस्तों पर जमीन और घर दिलाने की बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हीं लुभावने-बैनर पोस्टर को देखकर वो भू-माफियाओं के झांसे में आ गए। यमुना के डूब क्षेत्र में जमीन खरीदने के दौरान बताया गया कि वह उनकी निजी जमीन है। बिजली, पानी से लेकर सड़क सुंदर सड़क तक देने का वादा किया गया और कहा गया कि इन क्षेत्रों में कभी बाढ़ नहीं आती।

ऐसे में हजारों लोग माफियाओं की बातों में आ गए और 10 से 15 हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से 30, 50, 60, 70, 100 गज या इससे अधिक जमीन ले ली। कइयों ने तो जमीन खरीदने के साथ, उस पर मकान बनाने में पूरी जमा पूंजी लगा दी। अब लोगों को आसियाना खोने का डर सता रहा है। इससे 20 हजार से अधिक आबादी की परेशानी बढ़ गई है और उनकी आंखों की नींद उड़ गई है।

इन विभागों की है जमीन : सूत्रों के मुताबिक, यमुना किनारे कई विभागों की जमीन है। नगर निगम के अलावा सिंचाई विभाग, एयरफोर्स आदि की जमीन हैं। एयरफोर्स की जमीन तो सुरक्षित बताई जा रही है, लेकिन सिंचाई विभाग और नगर निगम की जमीन पर नहर पार दर्जनों कॉलोनियों बस गई हैं। यहां तक कि कई अवैध कॉलोनियों की घनी आबादी है।

मकान नहीं रहा तो सब कुछ उजड़ जाएगा

बसंतपुर के यमुना किनारे स्थित एक मकान में रह रही मूलरूप से यूपी के कानुपर निवासी एक महिला ने बताया कि उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में अपना घर बनाने के लिए सबकुछ लगा दिया। उसने जमीन खरीदने के लिए गांव की पुस्तैनी जमीन तक बेच दी। उस जमीन का पैसा फरीदाबाद के मकान में लगा दिया। पति भी बीमार रहते हैं। छोटी से दुकान से उनका परिवार चल रहा है। अब घर नहीं बचा तो सब कुछ उजड़ जाएगा।

विरोध की तैयारी में एकजुट हो रहे लोग

यमुना डूब क्षेत्र में बनी कॉलोनियों में मकानों को खाली करने के नोटिस के बाद से लोगों की चिंता बढ़ गई है। इस बाबत निगम की प्रस्तावित तोड़फोड़ कार्रवाई के खिलाफ लोग एकजुट हो रहे हैं। वह इसका विरोध करेंगे। यहां तक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अदालत की भी शरण लेंगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने मेहनत की कमाई से एक-एक ईंट जोड़ी है, इसलिए वह अपना मकान नहीं टूटने देंगे।

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