ग्रेटर नोएडा में बिल्डर परियोजना में फंसे करीब 38 हजार निवेशकों को फ्लैट पर जल्द कब्जा मिलने की उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 18 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बिल्डरों को शून्य काल (जीरो पीरियड) का लाभ दे दिया है। इससे बिल्डरों को 143.41 करोड़ का फायदा हुआ है।
बिल्डरों को जून 2021 तक अपनी परियोजना पूरी कर निवेशकों को कब्जा देना होगा। प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण की अधर में फंसी बिल्डर परियोजना को उबारने के लिए शून्य काल का लाभ देने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले पर अमल करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 18 बिल्डर परियोजनाओं को शून्य काल का लाभ दे दिया है।
रिशेड्यूलमेंट योजना में 58 बिल्डरों ने आवेदन किया था। प्राधिकरण ने इसमें से 18 को शून्य काल का लाभ दे दिया है। शून्य काल का लाभ मिलने के बाद उम्मीद है कि बिल्डर परियोजना का निर्माण कार्य तय समय में पूरा करेंगे। इन परियोजनाओं में 37890 फ्लैट हैं। निवेशकों को इन फ्लैट पर समय से कब्जा मिल सकेगा।
प्राधिकरण के एसीईओ दीपचंद ने बताया कि बिल्डरों को शून्य काल का लाभ तभी मान्य होगा, जब वह तय समय में परियोजना का कार्य पूरा कर निवेशकों को कब्जा देंगे। बिल्डरों ने लिखित में इसके लिए हामी भरी है। अगर बिल्डर तय समय में परियोजना का निर्माण पूरा नहीं कर पाएंगे तो शून्य काल का लाभ रद कर दिया जाएगा।
जिन बिल्डरों को शून्य काल का लाभ दिया गया है उसमें पंचशील बिल्डटेक प्रा. लि., रुद्र बिल्डवेल इंफ्रा प्रा.लि., निराला प्रोजेक्ट प्रा. लि., निराला हाउसिग, गौर संस रियलिटी, यूपी टाउनशिप इंफ्रा, सुपरटेक, पीजन बिल्डहोम, महागुन, हेवे इंफ्रास्ट्रक्चर, अजनारा रियलटेक, धन्य प्रमोटर्स, सॉलिटर इंफ्राहोम, कैपिटल इंफ्राटेक होम्स, एपीवी रियलिटी, जिदल प्रमोटर्स, फ्यूजन बिल्डटेक शामिल हैं।