ग्रेटर नोएडा कोरोना काल मे सारे दरवाजे खटखटाने के बाद भी सरकार से कोई मिली मदद नही मिली,कोविड काल में जनता का बगैर ऑक्सीजन,बैड, दवाईयों के सड़कों अस्पतालों के बाहर प्राण त्यागने सरकार द्वारा जनता की मदद न होने से परेशान भाजपा के सक्रिय सदस्य पूर्व जिला महामंत्री जितेंद्र अग्रवाल ने प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश को अपना पार्टी छोड़ने का इस्तीफा दिया
प्रदेश अध्यक्ष को भेजे तयाग पत्र में जितेन्द्र अग्रवाल ने लिखा है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट सैक्टर 2 का रहने वाला हूं। और पिछले 10से12 वर्षो से पार्टी से जुड़ा हुआ हूं और मैन बॉडी में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर चुका हूं।और तीन बार का सक्रिय सदस्य हूं। आज बड़े ही भारी मन से अपनी सभी सेवाओं को विराम लगाते हुऐ। भारतीय जनता पार्टी से और उसकी सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं।आदरणीय अध्यक्ष जी आज जब जनता पर आपदा आई है तो इस आपदा की घड़ी में भाजपा सरकार पूर्णतः विफल साबित हुई है।और लोग संसाधनों के अभाव में अपनी जान गवाने को मजबूर है
1, लोग बगैर ऑक्सीजन,बैड,दवाई के अस्पतालों और सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं
2, देश में और प्रदेश में काला बाजारी चरम पर है सरकार अंकुश लगाने में विफल साबित हुई
3, गैस सिलेंडर के रेट आज आसमान पर है। फल सब्जियों के दाम आम आदमी के ऊपर हावी है
4, आपका सीएमओ, आपका नोडल अधिकारी, आपके अन्य अधिकारी जनता का बेवकूफ बनाने में लगे हैं आपको कोई फर्क नहीं लगता जनता मरती है तो मरे वहा भी आप विफल साबित हुऐ।
5, आपके जनप्रतिनिधि अपनी ही सरकार में अपने को असहाय बताकर जनता के बीच आने में डर ते है और लोगों के फोन ना उठाकर उनके बीच जाने से बचते है।इतनी निरंकुशता पहले नहीं देखी यहां भी आप विफल साबित हुऐ।
6, आप और आपके अधिकारी काला बाजारी पर नियंत्रण करने में विफल साबित हुऐ।और जनता बीमारी से तो मर ही रही है साथ में खाधय पदार्थों की बढ़ी कीमतों को भी झेलने को मजबूर है।आज रिफाइंड, सरसों तेल, घी, आटा, दाल आदि कुछ भी लेने आप चले जाओ sb 10 se20 परसेंट की अघोषित वृद्धि पर आपको प्राप्त होंगे।
7, आज जब लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान है तब थोक मार्केट से ऑक्सीजन पैरामीटर,रेफलिंग सैट जिसकी कीमत 650 रुपए थी आज लोग मजबूरी में 11000 से 12000 हजार रुपए देकर खुशामद करके ब्लैक में खरीद रहे है पूछना चाहता हु ,आपसे क्या ये बनने बंद हो गए या कारखाने बंद हो गए।जो जनता का खून चूसने पर लोग आमादा है।और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।
8, रेमेडेसिवीर,इंजेक्शन जिसकी कीमत 4500 से 5000 हज़ार निर्धारित की गई है क्यों जनता 70000 से 80000 हजार में खरीदने पर मजबूर है। आपने कभी कोसिस की जनता के दर्द को समझने की अपने कभी कोसिस ही नहीं की। आप पूर्णतः विफल साबित हुऐ।
जाहिर है कि जितेंद्र अग्रवाल द्वारा सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी है