Noida Greater Noida West आम्रपाली बिल्डर के यहां फ्लैट लिए सफेद पोश ब्यूरोक्रेट्स आज फसते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा उसके बाद कोर्ट रिसीवर नियुक्त हुआ अपनी कलई खुलने के डर से अब वह कोर्ट रिसीवर के यहां नहीं जा रहे हैं
नोएडा के सात प्रोजेक्ट्स के 2017 फ्लैट खरीदारों का सत्यापन नही हो पा रहा है। कोर्ट रिसीवर ऑफिस की ओर से ऐसे फ्लैट खरीदारों से अपने फ्लैटों के दस्तावेज के सत्यापन के लिए कई बार आग्रह किया जा चुका है। लेकिन इनकी ओर से अभी संपर्क नहीं किया गया है।
कोर्ट रिसीवर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया गया है जिसमें कहा गया है कि 3000 से 4000 फ्लैट बायर्स ऐसे हैं जो फ्लैट पर कब्जे लिए आगे नहीं आ रहे है। बताया जा रहा है, इन फ्लैट बायर्स की बुकिंग में या तो कोई गड़बड़झाला है या फिर जानबूझकर नहीं जा रहे हैं ताकि किसी तरह के आर्थिक बोझ से बच सकें। अब उनको 31 मार्च तक सत्यापन का आखिरी मौका दिया गया है।
आम्रपाली की सोसाइटी के एओए पदाधिकारियों ने बताया। माना जा रहा है कि ये बायर्स सफेदपोश-ब्यूरोक्रेट्स भी हो सकते है। जिन्होंने आम्रपाली से कुछ लाभ पहुंचाया हो और कमिशन के रूप में फ्लैट लिया हो। इसके एवज में को खास भुगतान भी नही किया होगा। काफी ऐसे भी है जिन फ्लैट खरीदारों को आम्रपाली का कोर्ट रिसीवर कार्यालय ढूंढ रहा है, उनमें से अधिकांश अपने फ्लैटों में रह रहे हैं। लेकिन उन्होंने रजिस्ट्री नहीं कराई है। इसकी बड़ी वजह यह हो सकती है कि सत्यापन के बाद उनको बकाया धनराशि चुकानी होगी। ऐसे में उन्हें बकाया धनराशि चुकानी होगी। इसके अलावा उनको रजिस्ट्री कराने के लिए स्टांप शुल्क भी चुकाना होगा। ऐसे में लाखों रुपए का जुगाड़ तुरंत करना होगा।
इस पूरे प्रकरण को लेकर कोर्ट रिसीवर आर वेंकट रमाणी ने कहा कि नोएडा की सात परियोजनाओं के 2017 फ्लैट खरीदारों को जनवरी से मार्च तक का स्लॉट दिया गया है। इस स्लॉट के आधार पर वह अपना सत्यापन करा लें। इसके बाद उनके बकाये की गणना की जाएगी। ताकि बकाये की वसूली की जा सके। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो अप्रैल में उनके फ्लैटों के सत्यापन पर विचार नहीं किया जाएगा।
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