आज आम्रपाली के ख़रीदारों ने आम आदमी पार्टी के एम॰पी॰ एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्री संजय सिंह से मुलाक़ात कर पिछले दस सालो से ग्रेटर नॉएडा वेस्ट में आम्रपाली के होमबॉयर्स के सामने निर्माण कार्य में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया, जैसा कि ज्ञात है की पहले से ही आम्रपाली के घर खरीदारों 2010 से संघर्ष कर रहे हैं और अभी भी अपने सपनों के घरों की प्रतीक्षा कर रहे है
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर 2019 को दिए अपने आदेश को विस्तृत किया कि भारत सरकार ने इस परियोजना के लिए स्ट्रेस फंड प्रदान करने के लिए कहा है लेकिन दस सालो से किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिली।
इसके संदर्भ में आम्रपाली के घर ख़रीदारों ने ज्ञापन दिया।
आम्रपाली में घर ख़रीदार रश्मि पाण्डेय ने बताया की माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद आम्रपाली के रूका हुआ निर्माण अब शुरू हो गया है और निर्माण को पूरा करने के लिए नियमित भुगतान की अति आवश्यकता है, अतः अब यह और भी महत्वपूर्ण है कि स्ट्रेस फंड प्रदान की जाए ताकि यह परियोजना फिर से वित्तीय संसाधनो की कमी की वजह से ना अटक जाए। क्यूँकि खरीदारों का बचा हुआ पैसा पूरी परियोजना को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। क्यूँकि अधिकतर घर ख़रीदार अपना 90% प्रतिशत से भी ज़्यादा पैसा जमा कर चुके है। ऐसी स्थिति में फ़ाइनैन्स की कमी आ सकती है।
क्यूँकि परियोजना को कम्प्लीट करने के लिए लगभग अतिरिक्त एक हज़ार करोड़ की आवश्यकता होगी। इस संदर्भ में माननीय सप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्ट्रेस फंड का आग्रह किया है जिसका अभी तक कोई जवाब केंद्र सरकार से नही आया है। जबकि शुरुवाती स्ट्रेस फंड में 625 करोड़ में से केंद्र सरकार का खर्च केवल 220 करोड़ आ रहा है, जो कि प्रारंभिक ज़रूरत निधि ( Initial Required Fund) का एक तिहायी ही है।