ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अजनारा होम्ज़ सोसाइटी में लिफ्ट की घटनाओं से निवासी खासा परेशान है पेमेंट विवाद के बाद जेएलएल सोसायटी छोड़कर गर्मी से ऐन पहले चली गई। लगभग डेढ़ महीने से नई एजेंसी ने मेंटेनेंस संभाला है। बिल्डर के हिसाब से ये कदम बेहतरी के लिए था।
कल फिर टावर जे के निवासी त्रिभुवन तिवारी, अपनी पत्नी के साथ टावर जे की लिफ्ट में 35 मिनट से ज्यादा फंसे रहे। रेस्क्यू करने आई टीम भी दूसरे लिफ्ट में फंस गई। किसी तरह सुरक्षाकर्मियों ने काफी देर बाद, बहुत मशक्कत करके उन्हें बाहर निकाला।
पिछले एक महीने में कई लोग फंस चुके हैं। इसी सप्ताह टावर बाई 1 में पंकज बंसल अपनी पत्नी बच्चे और अन्य के साथ फैंस थे। मजेदार बात ये हैं की इन्हीं दोनों लिफ्ट में पहले भी निवासी फंस चुके हैं। टावर जी की तो दोनो लिफ्ट काफी देर तक बंद रही। घटना के बाद पता चला कि ये समस्या ए आर डी काम न करने और लाइट फ्लक्चुएट करने के कारण हो रहा है। तात्कालिक कारण एनपीसीएल द्वारा लाइट कटना है लेकिन असल बात डीजी बैकअप पर्याप्त न होना है। पिछले सप्ताह ही दो बार निवासी टावर एम की लिफ्ट में भी फैंस चुके हैं, लेकिन समस्या सुधारने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं हुए।
हर बार की तरह इस बार भी टेक्निकल एरर बताकर बस खानापूर्ति करने का प्रयास है, एओए अध्यक्ष चंदन सिन्हा का कहना है कि मेंटेनेंस टीम और लिफ्ट मेंटेनेंस एजेंसी को जिम्मेदारी लेनी ही होगी। इस तरह की जानलेवा घटना कहीं से भी ठीक नहीं है, निंदनीय है। पूछने पर कारण न बताना और इस बड़ी समस्या के प्रति गंभीरता न दिखाना मेंटेनेंस की लापरवाही का द्योतक है, आगे उन्होंने मेंटेनेंस टीम से एक लिफ्ट इमरजेंसी हेल्पलाइन और पर्याप्त एआरडी बैटरी सहित, कुछ अन्य डीटेल सार्वजनिक रूप से शेयर करने की मांग की।
जैसे बेची गई बैकअप कैपेसिटी और इंस्टॉल्ड बैकअप कैपेसिटी। डिस्ट्रिब्यूटेड मेन लाइन (एनपीसीएल) कैपेसिटी और खरीदी गई कैपेसिटी, लिफ्ट दुर्घटना में कमी न होने और तत्काल सुधार न होने की दशा में निवासियों ने बड़े प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए मेंटेनेंस चार्ज देना बंद करने की भी चेतावनी दी।


