AIMS Green Avenue में लिफ्टों की बदहाली बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमारों की ज़िंदगी मुश्किल, सुरक्षा पर भी खतरा

AIMS Green Avenue में लिफ्टों की बदहाली बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमारों की ज़िंदगी मुश्किल, सुरक्षा पर भी खतरा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित 20-मंज़िला AIMS Green Avenue सोसाइटी के निवासी इन दिनों लिफ्टों की खराब हालत और मेंटेनेंस की लचर व्यवस्था से बेहद परेशान हैं। सोसाइटी के 10 टावरों में कुल 20 लिफ्टें हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश लंबे समय से बंद पड़ी हैं और जो चल रही हैं, वे भी खतरनाक स्थिति में हैं।

*A और B टॉवर में 4 लिफ्टें लगी हैं, जिनमें से सिर्फ एक लिफ्ट ही सुरक्षित रूप से काम कर रही है।*

B टॉवर की 2 लिफ्टों में से एक 4 महीने से बंद है, जबकि दूसरी में इतनी खतरनाक आवाज़ें आती हैं कि बच्चे और बुज़ुर्ग डर के मारे उसका उपयोग नहीं करते।

इसके चलते A टॉवर की 2 लिफ्टों में से एक 1 महीने से बंद है और दूसरी पर पूरा दबाव है, जिससे अक्सर भारी भीड़ और विवाद की स्थिति बन जाती है। यही लिफ्ट A और B टॉवर के सभी निवासियों, कुत्तों, कूड़ा-करकट और वर्कर्स के इस्तेमाल में आती है।

निवासियों ने बताया कि जो लिफ्टें चालू हैं, उनमें भी अचानक 2–4 फ्लोर नीचे गिरने जैसे झटके लगते हैं, कभी भी अचानक बंद हो जाती हैं, और आए दिन यह समस्याएं बनी रहती हैं। यह न सिर्फ असुविधा, बल्कि गंभीर सुरक्षा खतरा भी है।

*D टॉवर की एक लिफ्ट करीब एक साल से बंद है, जबकि दूसरी भी अक्सर ख़राब रहती है। इस कारण बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को रोज़ाना 15–20 मंज़िल सीढ़ियों से चढ़ना-उतरना पड़ रहा है, जो बेहद कठिन और खतरनाक है।*

लंबा इंतज़ार और भीड़भाड़ कई बार टकराव का कारण भी बनते हैं, और पहले भी भीड़ की वजह से कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार बिल्डर और मेंटेनेंस टीम को शिकायत दी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। चूंकि सोसाइटी की मेंटेनेंस व्यवस्था पूरी तरह बिल्डर के अधीन है और किसी बाहरी एजेंसी के पास नहीं है, इसलिए जवाबदेही बिल्कुल नहीं बन रही।

निवासियों ने प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि लिफ्टों की मरम्मत और सुरक्षा जांच तुरंत हो सके और मूलभूत सुविधाएं सुचारू रूप से बहाल हों।

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