सहारनपुर के एक परिवार ने अपनी बहू को जिला अस्पताल में इस आस से भर्ती कराया कि उसे बेटा पैदा होगा. लेकिन बहू को बेटी पैदा हो गई. जैसे ही बेटी पैदा हुई तो ससुराल वालों ने बहू का हालचाल तक नहीं पूछा और अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गएभारत में 41 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड टीके लगाये गए:
पति के इंतजार में अस्पताल के बाहर जच्चा-बच्चासहारनपुर. सरकार हो या फिर समाज के जिम्मेदार, हर कोई बोल रहा है कि इस हाईटेक युग में बेटी बेटे से कम नहीं है. नारा दिया जा रहा है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लेकिन सहारनपुर के देवबंद क्षेत्र के गांव भनेड़ा के रहने वाले एक परिवार की मानसिकता अभी वहीं है, जो सालों पहले बेटी के प्रति कुछ लोगों की होती थी. इस परिवार ने अपनी बहू को जिला अस्पताल में इस आस से भर्ती कराया कि उसे बेटा पैदा होगा. लेकिन बहू को बेटी पैदा हो गई. जैसे ही बेटी पैदा हुई तो ससुराल वालों ने बहू का हालचाल तक नहीं पूछा और अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गए.
दस दिन से जच्चा-बच्चा अस्पताल के वार्ड नंबर नौ में अपने पति की बांट जोह रही है.सिटी एसपी ने मामले में कही ये बात सहारनपुर की मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव खाताखेड़ी निवासी नसीम अहमद की बेटी आयशा का निकाह करीब डेढ़ साल पहले देवबंद कोतवाली क्षेत्र के गांव भनेड़ा निवासी युवक के साथ हुआ था, शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था,आएशा गर्भवती हो गई, पति हर दिन आयशा से बोलता था कि बेटा ही पैदा करना, जबकि आयशा कहती थी कि बेटी हो या बेटा उसके लिए दोनों समान है,
इस बात पर पति उसे पीटता था, ोउत्पीड़न करता था, 22 जनवरी को आयशा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, 22 जनवरी की देर रात आयशा ने एक बेटी को जन्म दिया, जैसे ही यह खबर ससुरालियों को पता लगी तो जिला अस्पताल से पति, सास और ससुर बहू का हालचाल जाने बगैर ही अस्पताल से गायब हो गए. करीब पांच दिन के बाद आयशा ने अपने पति को फोन किया तो उसने कहा कि वह अब उसे नहीं रखेगा. वहीं इस मामले में एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि थाना मंडी पर तहरीर आई है जानकारी कर समुचित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.