दिनाँक 13-01-2021 को श्री राम ग्लोबल स्कूल द्वारा प्रिन्सिपल गीता वार्ष्णेय के आदेश पर क्लास 2nd की छात्रा आराध्या सारस्वत उम्र 8 वर्ष को दो दिन तक मानसिक उत्पीड़न कर उसके माता-पिता को सूचना दिए बिना क्लास टीचर द्वारा ऑनलाइन परीक्षा मैं सम्मिलित होने से रोका गया।
आराध्या के पिता राहुल ने बताया कि जब माता-पिता ने क्लास टीचर और स्कूल स्टाफ को संपर्क करने की कोशिश की तो पहले उन्हें टेक्नीकल प्रॉब्लम बता कर स्कूल प्रिन्सिपल से मिलने को कहा गया और जब हम स्कूल मिलने पहुंचे तो उन्हें प्रिन्सिपल गीता वार्ष्णेय ने बताया कि आपके बच्चे की पिछले 4 माह की फीस बकाया है इसलिए हमने आपके बच्चे को परिक्षा देने से रोक दिया है. जब बच्चे के माता-पिता ने पूछा कि हमें बिना कोई सूचना दिए आपने बच्चे को प्रताड़ित क्यूँ किया तो प्रिन्सिपल ने कहा कि हम किसी को फीस के लिए फोन नहीं करते, हम कोई भिखारी नहीं हैं जो फीस फोन करके के मांगे।हम किसी से फीस बक़ाया की बात फोन पर साझा नहीं करते, हम सीधा एक्शन लेते हैं.जब माता-पिता ने कहा कि हमने कभी स्कूल को फीस देने से मना नहीं किया और अगस्त तक की फीस अक्टूबर माह में क्लियर भी की थी.
आपके पास 15000 सिक्युरिटी फीस पहले से जमा है, फिर किस नियम के तहत बिना सूचना या नोटिस दिए आपने ये एक्शन लिया. अगर आपको कोई एक्शन लेना था तो क्लास के दौरान लेते, आपने इतनी छोटी बच्ची को क्लास टीचर द्वारा प्रताड़ित क्यूं कराया, इस बात पर प्रिन्सिपल ने कहा हमें जो उचित लगा हमने किया अब आपको जो करना हो करो और हमारा काम करने का तरीका यही है, अगर बच्चे को पढ़ाना है तो सारी फीस क्लियर करो वर्ना अपने बच्चे यहां से लेकर जाओ।
इस मामले की शिकायत बिसरख थाने में भी की गयी है जहां साथ में नेफोमा महासचिव रश्मि पाण्डेय साथ में रही। नेफोमा महासचिव रश्मि पाण्डेय ने बताया की सूचना मिलने पर पेरेंट्स के साथ स्कूल भी गयी ताकि यदि कुछ बात विचार से बच्चे की परीक्षा हो जाए। बच्चे को शिक्षा या परीक्षा से वंचित करना बहुत ही निंदनीय है, आप अभिवावक से बात कर सकते थे, परंतु उनका व्यवहार बहुत अनुचित था। उन्होंने साफ़ शब्दों में फ़ीस जमा करो अन्यथा अपने बच्चे का स्कूल से नाम कटवा लो जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया।