देविका गोल्ड होम्ज़ सोसाइटी में AOA की कारगुजारियों से त्रस्त निवासियों ने कालातीत करने की डिप्टी रजिस्ट्रार के यहाँ धारा 12 डी के तहत लगाईं अर्जी

देविका गोल्ड होम्ज़ सोसाइटी में AOA की कारगुजारियों से त्रस्त निवासियों ने कालातीत करने की डिप्टी रजिस्ट्रार के यहाँ धारा 12 डी के तहत लगाईं अर्जी

ग्रेटर नॉएडा वेस्ट स्थित देविका गोल्ड होम्स सोसाइटी Devika Gold Homes की समस्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है , यहाँ पहले बिल्डर के द्वारा पिछले छ वर्षों से निवासियों का शोषण हो ही रहा था कि इसी बीच प्राधिकरण के उलझाने वाले फैसले ने सोसाइटी के लोगों को और उलझा दिया तथा एओए ने स्थिति को और बदतर कर दिया

निवासी आशीष अनन ने बताया कि सोसाइटी में लगभग 3 करोड़ के काम पेंडिंग हैं जिसे बिल्डर ने कराना था और आईऍफ़एमएस फण्ड भी लगभग 3 करोड़ है जो बिल्डर ने एओए को नहीं दिए , प्राधिकरण ने एओए को बिल्डर के साथ कार्यपूर्ति का का निर्देश दिया था लेकिन गत 6 जुलाई को भोर में ही एओए ने बाउंसर और पुलिस की मदद से बिल्डर के सभी स्टाफ को भगा दिया , बिल्डर ने एओए अवैध है का पत्र सभी निवासियों को देकर यहाँ से अपना पल्ला झाड लिया है , एओए अध्यक्ष की तानाशाही रवैया ऐसा है कि सोसाइटी पर कब्ज़ा करने से पहले कोई gbm नहीं बुलाई ना ही कोई सुचना दी बल्कि जब पूरी सोसाइटी सो रही थी तो अचानक इस तरह का कार्य किया जिससे अब पूरी सोसाइटी उलझ गई है , ज्ञात हो कि यहाँ अभी रजिस्ट्री भी नहीं हुई है ऐसे में निवासियों को आगे अँधेरा दिखाई दे रहा है

निवासी हिमांशु सक्सेना ने बताया कि अध्यक्ष ने कुछ गलत दस्तावेज भी लगाये हैं रजिस्ट्रेशन के समय जिसकी जाँच के लिए रजिस्ट्रार लखनऊ से गुहार लगाई गई है जिसे उन्होंने ने संज्ञान में लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार को जाँच के आदेश दे दिए हैं , मुकुल मिश्रा ने बताया कि मेड से फिर से पैसों को उगाही की जा रही है कार्ड के नाम पर जबकि उनके पास एक वर्ष के लिए कार्ड वैध था , एक निवासी ने बताया कि उन्होंने बिल्डर को दिसम्बर तक का मेंटेनेंस बिल्डर को दे दिया था लेकिन अब एओए अध्यक्ष उन्हें पुनः भ्य्ग्तान के लिए दबाव बना रहे हैं

सबसे अधिक संगीन मामला एक टावर का है जहाँ के निवासी आशीष कुलकर्णी और आनन्द सिंह ने बताया कि लिफ्ट में बेहद अश्लील और आपत्ति जनक निशान बने हुए हैं जिसे पेंट करने का आग्रह निवासियों ने अनुराग खरे से कि लेकिन वे ना तो स्वयं इसे पेंट करा रहे हैं ना ही जब निवासियों ने स्वतः फण्ड देकर इसे कराने की बात कि तो परमिशन दे रहे है हार कर लोगों 1090 पर इसकी शिकायत दर्ज कराइ है क्योंकि लिफ्ट से महिलाओं और बच्चों का आना जाना बेहद सर्मिंदगी पूर्ण है , बेसमेंट और सफाई कि हालत बदतर हो चुकी है , एओए ने आते ही लोगों को एडवांस का बिल भेज दिया जबकि बिल्डर हमेशा एक महीने बाद बिल भेजता

निवासी शिबानंद पाढी ने बताया कि aoa की मनमानी और बिल्डर की उपेक्षा तथा प्राधिकरण के उलझे हुए फैसले से हम लोग फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं , निवासी अब अपनी समस्या को लेकर माननीय उच्च न्यायाय में भी गुहार लगाने की योजना बना रहे हैं

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