नोएडा स्पोर्ट्स सिटी 9 हजार करोड़ का घोटाला CBI 44 फाइलों से खोलेगी बिल्डर और ऑथोरिटी के गठजोड़ की कहानी

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी 9 हजार करोड़ का घोटाला CBI 44 फाइलों से खोलेगी बिल्डर और ऑथोरिटी के गठजोड़ की कहानी

नोएडा आखिरकार सीबीआई स्पोर्ट्स सिटी स्कैम की जांच में जुट गई है। केंद्रीय एजेंसी ने जांच के क्रम में 44 फाइलों को अपने कब्जे में लिया है। इनकी जांच से घोटाले की परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है। घोटाले में कई बड़े नामों के सामने आने की उम्मीद की जा रही है।

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की जांच तेज हुई है। नोएडा अथॉरिटी में 9000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई अब तक 44 फाइलें ले जा चुकी है। इन्हें खंगालने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त और अफसरों के नाम का खुलासा हो सकता है। इन फाइलों में अथॉरिटी के 50 अफसरों के हस्ताक्षर हैं। प्रथम दृष्टया इस घोटाले में सीबीआई इनको लिप्त मानकर जांच कर रही है। वहीं, तत्कालीन अधिकारियों को नोटिस जारी कर सीबीआई उनसे कभी भी पूछताछ कर सकती है। लोक लेखा समिति ने भी स्पोर्ट्स सिटी मामले में लगी कैग की आपत्तियों का निवारण करने के लिए अथॉरिटी से जवाब-तलब किया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। मामले में सीबीआई ने 3 एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर लॉजिक्स इन्फ्रा डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और तीसरी एफआईआर जनायडु एस्टेट पर की गई है। तीनों पर 2011 से 2017 तक बिल्डरों, कंसोर्टियम और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर घर खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप है।

स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के लिए नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में 798 एकड़ जमीन आवंटित की. इसमें 70% जमीन खेल सुविधाओं के लिए, 28% आवासीय इकाइयों और 2% व्यावसायिक इमारतों के लिए आरक्षित थी. लेकिन बिल्डरों ने इस योजना का दुरुपयोग किया. Logix Infra Developers, Xanadu Estates और Lotus Green Constructions जैसी कंपनियों को भूखंड आवंटित किए गए, जिनकी कुल पूंजी मात्र एक-एक लाख रुपये थी. इन कंपनियों ने जमीन को 84 शेल कंपनियों के नाम ट्रांसफर कर दिया और 74 भूखंडों को विभाजित कर मोटा मुनाफा कमाया. नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को मंजूरी दे दी, जिससे बिल्डरों ने करीब 10,500 करोड़ रुपये की राशि हड़प ली.

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