नोएडा एक्सटेंशन में बड़ा हादसा: दो बिल्डिंग गिरने से 3 की मौत, 30 से 50 लोग मलबे में दबे होने की सम्भावना

नोएडा एक्सटेंशन में बड़ा हादसा: दो बिल्डिंग गिरने से 3 की मौत, 30 से 50 लोग मलबे में दबे होने की सम्भावना

नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव में हुआ है. ये वही गांव है जहां कुछ साल पहले जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था. हादसे से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए देशवासी बेचैन है. नोएडा: राजधानी दिल्ली के पास उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा इलाके में दर्दनाक हादसा हुआ है. यहां एक निर्माणाधीन बिल्डिंग पर पुरानी बनी हुई बिल्डिंग गिर गई. इस हादसे में कई लोगों के मारे जाने की खबर है. वहीं, कई लोगों के मलबे में भी दबे होने की आशंका है. प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम बचाव अभियान में लगी हुई हैं. ये घटना कल देर रात की है. हादसा नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव में हुआ है.

ये वही गांव है जहां कुछ साल पहले जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था. ग्रेटर नोएडा के एसएसपी अजय पाल शर्मा ने बताया है कि बिल्डिंग से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. अभी तक दो शवों को मलबे से निकाला गया है. स्थानीय लोगों की माने तो दो बिल्डिंग जिनमे एक पूरी तरह बनकर तैयार थी उसमें लगभग 10-12 परिवार रह रहे थे. वहीं दूसरी बिल्डिंग निर्माणाधीन थी ,जिसमें मज़दूर काम कर रहे थे. दोनों ही आसपास में थी तभी रात लगभग 9 बजे जोर की आवाज आई और निर्माणाधीन बिल्डिंग पर बनी हुई बिल्डिंग गिर गई.

इलाके के सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र नागर, नरेन्द्र सिंह भाटी, फ्लेट बॉयर्स एसोसिएशन नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान आदि समेत तमाम बड़े नेता बड़े अधिकारी फौरन मौके पर पहुंचे. एनडीआऱएफ डॉगस्क्वॉड की मदद से मलबे में दबे लोगों को खोज रही है. बिल्डिंग क्यों गिरी इसकी वजह पता नहीं है. पुलिस बिल्डर का भी पता लगा रही है. अवैध निर्माण का नतीजा है ये हादसा घटिया निर्माण सामग्री के साथ साथ जल्दबाजी में बिल्डिंग निर्माण, अनुपात से कम सरिया इस्तेमाल करना, अकुशल मिस्त्री, बिल्डिंग को सिर्फ जल्दी बनाने का टारगेट तय करना मजबूती से कोई लेने देने की नही सोचना. छः मंजिला इमारत हो या एक मंजिला इमारत नीव बहुत मजबूत रखने की जरूरत होती है लेकिन पैसे कमाने पैसे बचाने की होड़ में अधिकांश छोटे छोटे प्राइवेट बिल्डर नीव कमजोर रखते हैं. आरसीसी कार्य व नई चिनाई की तराई कम या ज्यादा करना, तराई आदि जरूरी कार्यो व देखरेख के लिए छोटी छोटी साइट पर भी एक दो अतिरिक्त व्यक्तियों को रखना चाहिए. सेकड़ो टन वजन एक दूसरी मंजिल पर टिकाये जाना बिना यह सोचे समझे कि इसका दुष्परिणाम क्या होगा. इस गांव का ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अधिग्रहण किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस गांव का अधिग्रहण रद्द कर दिया था. जिसके बाद कई बिल्डरों को प्रोजेक्ट रद्द करने पड़े और कई लोगों ने यहां से अपना प्रोजेक्ट शिफ्ट कर दिया था. नोएडा प्राधिकरण ने इलाके में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. रोक के बावजूद बड़ी संख्या में यहां अवैध निर्माण हो रहा है. प्राइवेट बिल्डरों ने मुनाफा कमाने के लिए किसानों से जमीन लेकर इमारतें बना दीं. बताया जा रहा है कि इस इलाके में बनाए जा रहे फ्लैटों में घटिया सामान इस्तेमाल किया गया है. कहां है शाहबेरी गांव? यह गांव नोएडा एक्सटेंशन में गौर सिटी के पीछे की तरफ है. क्रॉसिंग रिपब्लिक और गौर सिटी के बीच फैला हुआ है. यहां किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन हुआ था.

शाहबेरी में अवैध रूप से फ्लैट बनाकर बेचे जा रहे थे. मौके पर मौजूद व्यक्तियों ने बताया कि इस गांव में रोक के बावजूद अवैध निर्माण हो रहा है. मिलावटी सीमेंट की भूमिका सामने आ सकती है. बड़ी बड़ी कम्पनियों के सीमेंट के कट्टो में मिलावटखोरी करने वाले मिलावट करने वाले जानलेवा सीमेंट मिलाकर सप्लाई करते हैं. मिलावटी सीमेंट बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. बिल्डिंग मैटीरियल में बेहताशा मूल्यवृद्धि के बाद हल्का वाला बदरपुर, हल्का वाला कॉरसेन्ट, हल्की वाली डस्ट, हल्की वाली रोड़ी के साथ साथ हल्की फुल्की कच्ची ईंट सप्लाई होती देखी जाती है छोटी बड़ी साइटों पर. बिल्डिंग मैटीरियल के दाम बहुत बढ़ गए हैं, 800/900 रुपये टन आने वाली रोड़ी बदरपुर डस्ट अब 1300/1400 रुपये टन आती है. ट्रांसपोर्ट व सप्लाई के काम से जुड़े लोगों का यह कहना है कि 40% की मूल्यवृद्धि भृष्टाचार की वजह से बढ़ी हुई है. घर बनाने के लिए जरूरी सामान पर मूल्यवृद्धि चिंताजनक है, रोज रोज पैसे बढ़ाकर आम जनता को लूटा जा रहा है. जानें कल रात क्या-क्या हुआ? 09.00PM: नोएडा फ़ायर सर्विस और नोएडा पुलिस को पीसीआर कॉल गया कि ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो बिल्डिंग गिर गई हैं. 09.45PM: नोएडा पुलिस मौके पर पहुंची. 11:00PM: NDRF की टीम ने बचाव कार्य शुरू किया. सबसे पहले डॉग स्कवॉयड की मदद से जीवितों का पता लगाने की कोशिश की गई. 12:30AM: तकनीकी उपकरणों और स्पॉट कैमरा की मदद से मलबे में दबे लोगों को स्पॉट करने की कोशिश शुरू की गई. 02:15AM: मलबे से दो शव निकाले गए. 03:00AM: जेसीबी मशीन से मलबे को हटाने का काम शुरू हुआ. 07:00AM: पर बचाव कार्य में तेज़ी आते हुए.

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